अपने बालों की प्रकृति के हिसाब से चुनें अपना तेल और रोकें बाल झड़ना – Best Hair Oil
Post Contents
Best Hair Oil – बालों में तेल लगाना चाहिए ये एडवाइस तो हमने हर बार कभी न कभी जरूर सुना है, चाहे वो दादी नानी या फिर फैंडस के मुंह से कि बालों में या सिर पर तेल जरूर लगाना चाहिए,
पर कौन सा तेल, किसे और कब।
ये सवाल हमारे दिमाग में बने रहते हैं।
बहुत बार हम टीवी पर या फिर इंटरनेट पर कुछ चीजें देखकर बालों में तेल लगाना शुरू भी कर देते हैं पर ये फायदे के बदले नुकसान का भी कारण कई बार बन जाता है।
तो जानते हैं कि कौन से तरह के बालों के लिए कौन से टाइप का तेल ज्यादा सूटेबल है और आपके बालों की प्रकृति क्या है और आपको किस तरह का तेल लगाना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है वो भी आयुर्वेद के ग्रंथों के हिसाब से।
जानते है, बालों की प्रकृति के बारे में – Best Hair Oil
आयुर्वेद के अनुसार, ज़िन्दगी में जो भी काम करो वो आप अपने नेचर के हिसाब से या अपनी प्रकृति के हिसाब से करो तो वो हमेशा आपके लिए फायदेमंद होगा।
तो आज हम बालों को तीन भागों में डिवाइड कर लेते हैं वात पित्त और कफ प्रकृति के अनुसार और इन तीनों तरह के लोगों के बाल कैसे होते हैं और उनके लिए कौन सा तेल ज्यादा फायदेमंद होगा उसकी बात करते हैं।
Read more, Migraine Meaning In Hindi -माइग्रेन के Head Ache को ठीक करने के घरेलू उपचार
वात प्रकृति के लोग – Best Hair Oil
सबसे पहला जो वात प्रकृति के लोग हैं वात अर्थात जो हवा वाले नेचर के लोग हैं, जो जल्दी जल्दी खाते हैं, जल्दी जल्दी बोलते हैं, जल्दी जल्दी चलते हैं, जिनके काम में हमेशा जल्दबाजी रहती है, हड़बड़ी रहती है, उनके बाल कैसे होते हैं?
तो आयुर्वेद कहता है, हवा का स्वभाव रुक्ष है, रूखा है तो इनके बाल भी ज्यादा रूखे ही होंगे। मतलब ड्राय हेयर होंगे।
आप में से ऐसे लोग जिनके बाल ड्राय हैं या फिर बहुत जल्दी दोमुंहे बाल हो जाते हैं। आयुर्वेद में दोमुंहे बाल या बाल कई भाग में जो डिवाइड हो जाते हैं, वो एक वात की समस्या मानी है।
फिर जिनके बाल बहुत पतले हैं, एकदम thin है या बहुत छोटे हैं या फिर जिनके बाल बहुत कम हैं बहुत तेजी से बढ़ते हैं और बहुत जल्दी झड़ने लग जाते हैं।
तो वात प्रकृति के लोग जिनके बाl ड्राय रूखे नेचर के हैं उनके लिए ऐसे तेल अच्छे हैं जो शरीर में एयर हवा को कंट्रोल करें और बालों को पोषण दें
तो ऐसे में तिल का तेल सबसे बेस्ट ऑप्शन रहेगा उन लोगों के लिए जिनके बाल ड्राय नेचर के हैं या रूखे नेचर के हैं या जो लोग हवा वाले प्रकृति के हैं। तिल का तेल का स्वभाव स्निग्ध है, गरम है नेचर में और वायु को कंट्रोल करने वाली दवाओं में सबसे अच्छी दवाईयों में से एक है,
तो बालों में तिल का तेल रोज लगाना या फिर तिल के तेल की मालिश करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है, अगर आप वात प्रकृति के व्यक्ति हैं तो
और भी जितने भी गरम प्रकृति के तेल हैं जैसे कि सरसों है वो भी आपके लिए चली जाएगी तो तिल या फिर पीली सरसों का तेल या इन तेलों से बनी कोई भी प्रिपरेशन, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट जो भी मार्केट में मिलती है उसका प्रयोग कर सकते हैं।
पित्त प्रकृति के लोग – Best Hair Oil
पित्त अर्थात जो गरम नेचर के लोग हैं, जो बहुत जल्दी गुस्सा होते हैं, बहुत जल्दी शांत हो जाते हैं, जिन्हें गर्मी बहुत लगती है, पसीना ज्यादा आता है या फिर जो बचपन से ही गरम स्वभाव के हैं या फिर ऐसे लोगों जिन को गर्मी ज्यादा लगती है और ठंडी चीजें ज्यादा में अच्छी लगती है
उनके बालों के बारे में आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है, इनके बाल पतले होंगे। भूरे कलर के होंगे या हल्के से गोल्डन कलर के होंगे और इनको उम्र के पहले ही या तो बाल झड़ जाएंगे या बाल सफेद होना शुरू हो जाएंगे,
पित्त के कारण, गर्मी के कारण।
तो ऐसे लोग जिनके बाल शाइनी हैं जल्दी ही सफेद हो गए हैं। झड़ने लगे हैं या जो लोग गरम नेचर के हैं गर्मी बहुत लगती है, ऐसे लोगों के लिए वो तेल ज्यादा अच्छे हैं जो नेचर में ठंडे हैं जो पित्त को कम करें और बालों को पोषण दें
तो उन सभी तेलों में नारियल का तेल सबसे बेस्ट ऑप्शन आपके लिए होगा क्योंकि नारियल का स्वभाव ठंडा है और वो पित्त को शांत करने में मदद करता है तो
आपके बाल अगर सफेद हो रहे हैं या जल्दी झड़ रहे हैं और आप गरम नेचर के हैं तो आपको नारियल का तेल या नारियल के तेल के अंदर औषधियां डालकर जो भी प्रिपरेशन बनती है वो आपके लिए ज्यादा अच्छा है।
ऐसे में नारियल के तेल में आंवला डाल कर अगर उसको पकाकर यूज किया जाए या फिर गुड़हल डाल कर अगर नारियल के तेल में पकाकर वैसा वाला तेल का प्रयोग करें तो आपकी ये सबसे बेस्ट टॉनिक का काम करेगा।
तो गरम नेचर के हैं तो नारियल या फिर आंवले का तेल आपके लिए बेस्ट है।
Read more, क्या आपको आपकी प्रकृति पता है? जानें अपनी प्रकृति आयुर्वेद के अनुसार – Ayurveda Body Type
कफ प्रकृति के लोग – Best Hair Oil
कफ प्रकृति होने का मतलब, जो लोग धीरे धीरे खाते हैं, धीरे धीरे चलते हैं, धीरे धीरे बोलते हैं या फिर जिनका काम हमेशा आराम से होता है ऐसे लोग कफ प्रकृति के होते हैं।
उनके जो बाल हैं उनको बालों की बहुत ज्यादा समस्या नहीं होती क्योंकि आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है की कफ प्रकृति वालों को बहुत सारे बाल होते हैं। पूरे शरीर में एकदम घने बाल रहेंगे।
ब्लैकिश, बाल रहेंगे, हल्के से नीले कलर के बाल रहेंगे तो उन्हें ज्यादा बालों की समस्या होती नहीं क्योंकि और पहले से ही उनके शरीर में कफ ज्यादा है।
तो अगर आप धीमे काम करने वाले हैं या आपके शरीर में बाल बहुत ज्यादा हैं तब आपके लिए ऐसा तेल ज्यादा अच्छा है जो गरम नेचर में हो।
जैसे कि सरसों का तेल रोज सबसे अच्छा तेल है, कफ प्रकृति वाले लोगों के लिए या सरसों के तेल में जैसे कि मेथी है, ऐलोवेरा है, इस तरह की औषधियां डालकर पकाया गया तेल कफ वाले लोगों के लिए ज्यादा सूटेबल रहेगा।
तो वात पित्त और कफ ये तीनों तरह के लोगों के लिए अलग अलग तरह का तेल प्रयोग करना चाहिए।
एक और बात इन तेलों को सिर पर लगाने के साथ साथ नाक में इनका नस्य भी लेना चाहिए क्योंकि जो आपकी प्रकृति है उस हिसाब पर अगर आप तेल बालों में लगा रहे हैं और उसी का 2- 2 बूंद तेल नाक में डालते हैं तो वो आपके ब्रेन में बालों को ज्यादा मददगार साबित होगा।
एक और चीज सिर में तेल की मालिश करनी है वो हमेशा स्नान से पहले करनी है।
आयुर्वेद में जो अभ्यंग कहा गया है, यानि कि तेल लगाने की बात कही गई है वो हमेशा स्नान, नहाने से पहले कही गई है, नहाने के बाद नहीं।
बहुत से लोग ऐसे हैं की रात में सिर पर तेल लगाते हैं और सुबह बाल धोते हैं, तो वो भी इतना कुछ खास आपको असर नहीं करेगा क्योंकि रात के समय पर सूर्य नहीं होता तो तेलों का उतने अच्छे से बालों में absorption नहीं होता तो तेल जो लगाना है
वो दिन के समय लगाएं, स्नान से पहले लगाएं, तो आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा और मार्केट में जो तेल मिलते हैं तो तेल के नाम पर सिर्फ पतला पानी जैसा आइटम होता है, स्मैल तो बहुत आती है पर वो बालों से कुछ भी काम नहीं करते।
इस तरह के तेलों से बचकर रहें और आपकी प्रकृति को जो तेल जो औषधि वाला तेल सूटेबल हो उसी का प्रयोग करें।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा





