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Best Sleeping Position Ayurveda – सोने का सही तरीका क्या है? | Ayurved Guide

Best Sleeping Position Ayurveda – सोने का सही तरीका क्या है?

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Best Sleeping Position Ayurveda – सोने का सही तरीका क्या है?

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हर सामान्य मनुष्य का सोने का तरीका और सोने का समय अलग – अलग होता है कई लोग दोपहर को सोना पसंद करते है, तो कई लोग शाम को सात बजे सोना पसंद करते है और बहुत से लोग रात को 12 बजे सोना (Sleeping) ठीक समझते है. 

ऐसे में ज्यादातर लोगो को सोने का सही तरीका और सोने का सही समय (Best Sleeping Position Ayurveda ) पता ही नहीं चल पाता. 

जिसकी वजह से वो अपने सोने के गलत तरीके को कभी सुधार ही नहीं पाते है जिसके कारण उन्हें कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है,  जिनमे पीठ दर्द (Backache) , एसिडिटी (Acidity), मानसिक समस्या (Mental Problem), दिल से संबंधित समस्याएं (Heart Problems) आम हैं.

तो आज के इस article में हम जानेगें, सोने का सही तरीका और साथ ही उसके फायदे और नुकसान क्या है

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और इन सभी सोने के सही तरीको को अपना कर इन सभी बीमारियों से आप बच सकते है जिससे की भविष्य में आपको इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सोने का सही तरीका क्या है? Best Sleeping Position Ayurveda

जब कोई व्यक्ति योगा (Yoga) या जिम (Gym) में एक्सरसाइज (Exercise) करता है, तो उस समय शरीर के सही मूवमेंट पर बहुत ध्यान दिया जाता है. क्यों की गलत तरीके से कियी गयी एक्सरसाइज व्यक्ति को पीड़ा ग्रस्त भी कर सकती है. 

ठीक इसी तरह हमारे सोने की स्थिति का भी (Best Sleeping Position Ayurveda ) हमारी सेहत पर अच्छा और बुरा दोनो तरह से असर पड़ता है, खास कर हमारे पाचन तंत्र (Digestive System) और दिमाग (Brain) पर, आप सभी जानते है की एक अच्छी नींद के बाद हम ज्यादा ऊर्जावान (Energetic) महसूस करते है.

एक गहरी नींद से दिनभर की थकान पूरी तरह खत्म हो जाती है, लेकिन जितनी ज्यादा जरुरी एक गहरी और लम्बी नींद होती है उतनी ही महत्वपूर्ण हमारी सोने की स्थिति भी होती है, आज 75% से भी ज्यादा लोग सोने के सही तरीके से पूरी तरह अंजान है (Best Sleeping Position Ayurveda).

गलत तरीके से सोने के नुकसान क्या है

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गलत तरह से सोने पर कई लोगो को रात में ठीक तरह से नींद नहीं आती (Insomnia), या तो रात मे बार–बार नींद खुलती रहती है, या फिर सोते समय नींद लगने में काफी समय लग जाता है.

इसके अलावा गर्दन (Neck pain), कमर (Back Pain), कंधे में दर्द शुरू होना (Shoulder Pain), पाचन की गड़बड़ी (Digestion Problem) , दिनभर आलस आना, पेट ठीक तरह से साफ नहीं होना (Constipation) और साथ–साथ शरीर का रक्त-दाब (Blood Pressure) और यहाँ तक की दिल की सेहत पर भी हमारे सोने का काफी असर पड़ता है.

आपको जानकर हैरानी होंगी की हमारी त्वचा की सेहत (Skin Health) और बालो की उत्तमता (Hair Growth) भी सिर्फ और सिर्फ हमारे सोने के तरीके से प्रभावित हो सकती है.

कुछ लोग अपने दाये हाथ की तरफ करवट लेकर सोते है तो कुछ लोग बाये हाथ की तरफ, कुछ लोग पीठ की बल सोते है और कुछ लोग पेट के बल (Best Sleeping Position Ayurveda). 

इन सभी स्थिति का हमारे सेहत पर अलग–अलग असर होता है.

पेट के बल सोने के नुकसान क्या है – sleeping on stomach side effects

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पेट के बल सोना सबसे हानि कारक होता  है, खास कर स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) और अस्थमा (Asthma) के मरीजो के लिए. 

क्योकि इस स्थिति में हमारे पेट के साथ–साथ हमारे फेफड़ो (Lungs) पर भी दबाव पड़ता है, जिससे सोते समय साँस लेने में मुश्किल पैदा हो सकती है. पेट के बल सोने पर हमारी रीड की हड्डी (Back Bone) पर भी जोर पड़ता है.

इसलिए जो लोग ज्यादा तर पेट के बल सोते है उन्हें धीरे–धीरे पीठ दर्द (Back Pain) की समस्या भी शुरू होने लगती है, और साथ ही पेट के बल सोना पाचन क्रिया (Digestion) के लिए भी अच्छा नहीं होता.

दाहिनी तरफ सोने के नुकसान क्या है – Side effects of sleeping on right side

इसके अलावा दाई तरफ या सीधे हाथ की तरफ करवट लेकर सोना भी हमारे सेहत (Health) के लिए सही नहीं माना जाता. 

अगर हमारे शरिर के पाचन तंत्र (Digestive System) पर नजर डाली जाये, तो आप देखेंगे की हमारा पेट (Stomach) शरीर में बायीं तरफ होता है, और साथ ही हमारा दिल (Heart) भी शरीर में बायीं तरफ ही मौजूद होता है.

दायी तरफ सोने से इसका हमारे पाचन क्रिया पर भी काफी गलत असर पड़ता है, क्योकि पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण की वजह (best sleeping position zero gravity ) से हमारा पेट, उसकी नेचुरल स्थिति से उसकी विरुद्ध दिशा में हिलने लगता है.

लम्बे समय तक दाये करवट पर सोने पर पेट में मोजूद भोजन भी विरुद्ध दिशा में  सफर करने लगता है, जिससे खाए गए भोजन को पर्याप्त मात्रा में पाचक रस (Enzymes) नही मिल पाते और एसिडिटी (Acidity), खट्टी डकारे, पेट फूलना (Bloating) , अपचन और कब्ज (Constipation) जैसी समस्या होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

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सोने का सही समय क्या है – Best time to sleep Ayurveda

दिन में सोने से पाचन तंत्र बिगड़ने लगता है और पेट सम्बन्धित बीमारियां होने लगती है.

अनियमित समय पर सोने से कई शारीरिक (Physical) और मानसिक समस्या (Mental) पैदा हो सकती है. रोजाना निश्चित समय पर नही सोने से नींद चक्र में आए बदलाव से (best time to sleep circadian rhythm ) रोगप्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कम हो सकती है, जिसके कारण बहुत से रोग शरीर पर हमला करके उसे रोग ग्रस्त बना सकते है.

इसलिए रोजाना निश्चित समय पर सोना जरुरी होता है (best time to go sleep). जल्दी सोना और जल्दी उठना सेहत के लिए सबसे अच्छा है, जैसे 8 घंटे की नींद हो जाये उस हिसाब से आपको आपके सोने के समय को निर्धारित करना चाहिए, सुबह जल्दी उठकर आप ध्यान (Meditation), व्यायाम (Yoga) और अन्य दैनिक कामों को समय दे सकते है, जो स्वास्थ  के लिए आवश्यक है.

तो रात में कितने बजे सोना चाहिए? best time to sleep pm

रात को सोने का सबसे अच्छा समय होता है, 10 से 10:30 बजे या फिर 11 बजे से आप सो सकते है. ये सबसे ठीक समय होता है सोने के लिए.

इसके अलावा अगर आप सूर्योदय (Sunrise) के बाद बहुत देर तक सोते है, तो ये आपके शरीर और मन को नुकसान पहुंचाता है, अधिकांश लोग ऐसा ही करते है, इसलिए आज मानसिक तनाव (Stress) से ग्रस्त रहने वाले लोगो की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गयी है, क्योकि सूर्योदय के बाद तक सोते रहने से मानसिक तनाव बढ़ता है.

रात में किस तरफ से सोना चाहिए  – Best Sleeping Position Ayurveda

आखिर रात में किस करवट सोना चाहिए अगर आप पीठ के बल यानि की सीधा सोते है, तो ये भी इतना गलत नहीं है, लेकिन उलटे हाथ की तरफ यानि की बायीं तरफ करवट लेकर सोना (Left hand side) सबसे बेहतर सोने की स्थिति होती है.

क्या आपने कभी सोचा है, की मात्र एक सोने की करवट बदल देने से हमारी सेहत में कितने कमाल के फर्क आ सकते है, चाहे आयुर्वेद (Ayurved) हो या मॉडर्न मेडिकल साइंस (Medical Science) , हर जगह बायीं करवट लेकर सोने को ही सबसे बेहतर माना जाता है.

क्योंकी बायीं तरफ सोने से न सिर्फ हमारा पाचन बेहतर होता है बल्कि ये हमारे दिल (Heart), दिमाग (Brain), त्वचा (Skin), बाल (Hair)और शरीर से प्राकृतिक तरह से विषैले पदार्थो (Toxins) को शरीर से बाहर निकालने के लिए अच्छा होता है.

बायीं तरफ सोने से कई तरह के बिमारियो और हेल्थ सम्बंधित समस्याओ (Health Problems) में तेजीसे सुधार आने लगता है, आज काफी लोग इससे होने वाले amazing फायदों से पूरी तरह अंजान है, और कई लोगो की गलत तरीके से सोना एक आदत बन चुकी है.

हमें बायीं तरफ क्यों सोना चाहिए? Is it healthy to sleep on left side

बायीं तरफ करवट लेकर सोने से हमारे शरीर को क्या फायदा होता है, और साथ ही 

गलत करवट में सोने की आदत को जल्द से जल्द कैसे सुधारा  जा सकता है?

ज्यादातर लोगो को पता है की, हमारी शरीर के सिरक्यूलट्री सिस्टम में खून लाने और ले जाने के लिए दो तरह की नसे काम करती है, एक, धमनियां (Arteries) जो की लाल रंग की होती है और दूसरी नसे जो की नीले हरे रंग की होती है (Veins) और वह हमारे त्वचा (Skin) पर भी आसानी से दिखाई देती है.

लेकिन इन दोनों के अलावा भी हमारे शरीर में एक और प्रकार का नाडी जाल होता है. जिसे लसीका प्रणाली (Lymphatic System) कहा जाता है, इन नसों में खून नहीं बल्कि एक प्रकार का तरल (Liquid) पाया जाता है, जिसकी मात्रा 16-18 लीटर तक होती है. 

ये तरल हमारी धमनियों और नसों से ही निकलता है और लसीका प्रणाली के द्वारा दूबारा खून (Blood) में मिला दिया जाता है, अगर शरीर का लसीका प्रणाली ठीक तरह से काम ना करे तो शरीर में पानी भरने लगेगा और पैरो में सुजन आ जाएगी और शरीर में इन्फेक्शन फैलने के वजह से स्थिति खतरनाक भी हो सकती है.

लसीका प्रणाली (Lymphatic System) में बहने वाले इस तरल में कई तरह के पोषक तत्व और विषैले पदार्थ दोनों मौजूद होते है, इन नसों के बीच-बीच में गाँठें होती है जिन्हें लसीका ग्रंथि (Lymph Node) कहा जाता है, जिससे  हम बीमारियों, इन्फेक्शन, त्वचा रोगो और कई तरह के सेहत से जुडी समस्याओं से बचे रहते है.

आयुर्वेद के अनुसार उलटे हाथ की तरफ करवट लेकर सोने से हमारा लसीका प्रणाली (Lymphatic System) ज्यादा अच्छी तरह से काम करता है, शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ जल्दी ख़त्म होते है, और हमारे शरीर से विषैले पदार्थ ज्यादा बेहतर तरीके से बाहर निकल पाते है.

रात को बायीं तरफ सोने का फायदे – Benefits of left side sleep

बायीं तरफ सोने से हमारा पाचन बेहतर तरीके से काम करता है, क्यों की इस स्थिति में भोजन छोटी आंत (Small Intestine) से बड़ी आंत (Large Intestine) में आसानी से ट्रेवल कर पाता है, जिसकी बदौलत सुबह उठते ही पेट अच्छी तरह से साफ हो जाता है.

क्योकि हमारा पेट शरीर के बायीं तरफ लटका होता है, इसलिए बायीं तरफ सोने से भोजन में सभी पाचक रस अच्छी तरह से मिल पाते है और अग्न्याशय (pancreas) को भी अपना काम करने में आसानी होती है.

रात को सोने से पहले क्या खाए – What to eat before bed for a good sleep

रात को सोने से पहले खाने में ज्यादा मसालेदार (Spicy), ज्यादा भारी (Heavy) या फिर ज्यादा तला (Fried) हुआ खाना खा लेने से नींद में खराबी आ सकती है. तो इसलिए रात का खाना हल्का होना चाहिए.

लेकिन कई लोग है जो रात में खाना नहीं खाते, तो ऐसा करना भी गलत होंगा, क्यों की भूखे पेट सोने से, सोने के थोड़े समय बाद आपको भूख लग सकती है. तो इस वजह से भी आपको नींद में रूकावट आ सकती है.

रात को सोने से पहले क्या पिए – What to drink before bed to sleep better

खाने से भी महत्वपूर्ण होता है पीना, चाहे आप चाय पीते है, पानी पीते है या फिर कॉफ़ी पीते है. तो अगर आप 7 बजे के बाद चाय (Tea), पानी (Water) या कॉफ़ी (Coffee) पीते है, तो वो आपके नींद को पूरी तरह से परेशान करेंगा.

या अगर आप सोने से पहले ढेर सारा पानी (Water) पीते है, तो इससे आपको बार बार वाशरूम जाने की परेशानी भी हो सकती है. जो की सबसे सामान्य कारणों में से एक है.

बायीं तरफ सोने के फायदे – Best Sleeping Position Ayurveda

उलटे की बजाए सीधे हाथ की तरफ करवट लेकर सोना ठीक वैसा ही है, जैसे किसी व्यक्ति को उल्टा सर के बल खड़ा कर दिया हो. ऐसे में भोजन ना ही ठीक तरह से पच पाता है और ना हीं आंतों में अच्छी तरह से सफर कर पाता है.

दिल की बीमारी नहीं होंगी 

क्योकि हमारा दिल भी शरीर के बायीं ओर ही मौजूद होता है, बायीं तरफ सोने से दिल का रक्तसंचार (Blood circulation) अच्छा होता है, खास कर जिन लोगो को दिल से सम्बन्धित बीमारियां है, उन्हें हमेशा बायीं और करवट लेकर ही सोना चाहिए, बायीं तरफ सोने से दिल की बीमारियां नहीं होती।

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गर्भावस्था में सोने का सही तरीका – best sleeping position when you are pregnant    

 गर्भावस्था (Pregnancy) में महिलाओं को बाईं तरफ सोना अच्छा है, इससे न केवल शरीर के रक्तसंचार में सुधार आता है बल्कि कमर, पीठ, और रीढ़ की हड्डी पर भी जोर कम पड़ता है.

गर्भावस्था के दौरान महिलावो के गर्भाशय (Uterus) का आकार बड़ा हो जाता है, जिसके चलते दुसरे अंदरूनी अंग जैसे की लीवर (Liver), किडनी(Kidney), पर दबाव पड़ने लगता है, बाईं तरफ सोने से इन सभी समस्याओ से निजात मिलता है और किडनी तथा लीवर पर इसका भार भी नहीं पड़ता.

बायीं तरफ सोने से एसिडिटी नहीं होती     

बायीं तरफ करवट लेकर सोने से एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) की समस्याओ में कमाल के फर्क नजर आते है. एसिडिटी, छाती में जलन और पाचन में गड़बड़ी जैसी परेशानिया होने पर हमेशा बायीं तरफ ही सोना चाहिए.

बायीं तरफ सोने मासपेशियो में आराम मिलता है     

जिन लोगो को अक्सर कमर और पीठ में दर्द जैसी परेशानिया होती है. उन्हें ज्यादा से ज्यादा उलटे हाथ के तरफ करवट लेकर ही सोना चाहिए.

बायीं तरफ सोने से हमारी रीढ़ की हड्डी पर जोर कम पड़ता है, और साथ ही पीठ की मांसपेशियो में भी आराम मिलता है.

गहरी नींद के लिए फायदेमंद – Good for sound sleep

बायीं करवट सोते समय हमारे पाचन के साथ–साथ रक्त-दाब और सभी अंदरूनी अंगो तथा दिमाग की कार्य प्रणाली भी अच्छी तरह काम करती है. 

जिन लोगो को सोते समय सांस फूलने लगती है, या आप खर्राटो से परेशांन है, तो सोते समय बायीं तरफ में सोने से इस परेशानी में फायदा मिलने लगता है.

रात को बायीं तरफ कैसे सोये – Best Sleeping Position Ayurveda

अब बात करते है कुछ आसान तरीके, जो बायीं तरफ करवट लेकर सोने में मदद करेंगे.

तकिये का इस्तेमाल करके सोये  

दाई तरफ में तकिया रखे, ऐसा करने से हम अपने शरीर को नींद में करवट लेने से रोक सकते है. 

दूसरी दिशा में रखा तकिया हमें नींद में पलट ने से रोकता है और धीरे-धीरे हमें बाई तरफ में सोने की आदत पड़ जाती है.

दाईं तरफ हल्की लाइट जला दे 

हमें जिस तरफ नहीं सोना चाहिए अगर उस तरफ हलका प्रकाश हो, तो हमारा दिमाग अपने आपको उस तरफ से अपना ध्यान हटाने के लिए, हमें विपरीत दिशा में करवट लेने को मजबूर करने लगता है, जिसकी मदद से हमें बाई तरफ सोने में आसानी होती है.

बिस्तर की जगह बदल के सोये  

कई बार सोने की आदतों में, सोने की जगह बदल देने से भी सुधार आ जाता है. अगर आप बायीं तरफ नहीं सो पाते तो एक बार इस नई आदत की शुरुआत अपने बिस्तर को नई जगह देने से करे, इससे आपको अपनी आदत बदलने में मदद होंगी.

सोने के लिए कमरा कैसा हो

आपका रूम है जहां पर आप सोने जा रहे है, वहा पर अँधेरा है और शांति है तो आपको नींद में काफी हेल्प मिलती है. और ऐसे रूम जहां पर शोर आ रहा है, या फिर बहुत ही प्रकाश आ रहा है, तो वो भी आपके नीद को बिगाड़ता है.

तो इसके लिए अच्छे मोटे परदो का इस्तेमाल करे, दरवाजे अच्छे से बंद करके सोये ताकि अंदर आवाज ना आये. और कुछ लोग जिन लोगो के घर पर पालतू जानवर होते है, तो रात में उनको अलग कमरे में रख के सोये, क्योकि उनकी सोने के समय के हिसाब से वो उठ जायेंगे और आपकी नींद को ख़राब करेंगे.

तो इन टिप्स को इस्तेमाल करिए, उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा

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DrSeema Guptahttps://www.ayurvedguide.com
I am an Ayurvedic Doctor, serving humanity through Ayurveda an Ancient System of Medicine from the last 21 years, by advising Ayurveda principles and healing the ailments. I follow the principle that prevention is always better than cure.

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