कैल्शियम क्या है – इसका नॉर्मल लेवल कितना होना चाहिए – Calcium Levels in Blood Test
इस Article में जानते हैं की कि कैल्शियम क्या हैऔर कैल्शियम का नॉर्मल लेवल (Calcium Levels in Blood Test) कितना होना चाहिए। अगर कैल्शियम ज्यादा हो जाए तो शरीर को क्या नुकसान होता है और अगर कैल्शियम की कमी हो जाए तो शरीर को क्या नुकसान हो सकता है।
कैल्शियम हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण मिनरल्स में से एक है। यह हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरुरी पोषक तत्व है। कैल्शियम हमारे शरीर में हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।
हमारे शरीर की मांसपेशियां और हमारा हार्ट ठीक तरीके से काम करता रहे इसके लिए भी कैल्शियम जरूरी होता है। हमारे शरीर का 99 परसेंट कैल्शियम हड्डियों में होता है और सिर्फ एक परसेंट कैल्शियम हमारे खून में होता है।
जिन पुरुषों और महिलाओं की उम्र 19 साल से लेकर 50 साल के बीच में हो उन्हें हर रोज़ 1000 एमजी कैल्शियम की जरूरत होती है और जिन पुरुषों और महिलाओं की उम्र 50 साल से ज्यादा हो उन्हें हर रोज़ 1200 एमजी कैल्शियम की जरूरत होती है।
दूध से बने पदार्थ, संतरे का जूस और पालक में काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
Calcium Levels in Blood Test
खून में कैल्शियम की जांच करने के लिए जो ब्लड टेस्ट किए जाता है उसे Serum Calcium Test कहते हैं।
इसकी नॉर्मल रेंज 8.5 से 10.2 एमजी / डीएल के बीच होती है। यानि की हमारे शरीर में कैल्शियम का नॉर्मल लेवल 8.5 से 10.2 के बीच रहना चाहिए।
कैल्शियम का नॉर्मल लेवल में रहना बहुत जरूरी होता है क्योंकि कैल्शियम हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को कम करता है और कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को कम करता है और इसके इलावा और भी बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करता है।
लेकिन कई बार जब हम बाहर से कैल्शियम की गोलियां खा रहे होते हैं तो हमारे खून में कैल्शियम का लेवल नॉर्मल से ज्यादा भी हो सकता है। इसे Hypercalcemia कहते हैं। इससे हमें काफी नुकसान भी हो सकता है।
खून में कैल्शियम की ज्यादा मात्रा हो जाने से (Calcium Levels in Blood Test) हमारी हार्टबीट रेगुलर हो सकती है यानि कि दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। मतलब के दिल की धड़कन में गड़बड़ पैदा हो सकती है और इसके इलावा हमारा ब्लड प्रेशर खतरनाक लेवल तक कम हो सकता है।
अगर कैल्शियम का लेवल ज्यादा हो जाए तो इसका हमारी किडनियां यानि के गुर्दों के ऊपर भी बुरा असर पड़ता है। कैल्शियम का लेवल ज्यादा हो जाने से किडनी स्टोन हो सकता है यानि की गुर्दे की पथरी भी हो सकती है।
खून में कैल्शियम का लेवल ज्यादा हो जाने पर भूख में कमी आ जाती है। कब्ज की प्रॉब्लम हो सकती है, प्यास ज्यादा लगती है और बार बार पेशाब आता है, थकान और कमजोरी महसूस होती है और व्यक्ति को डिप्रेशन की प्रॉब्लम भी हो सकती है।
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लेकिन अगर शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए (Calcium Levels in Blood Test) तो भी हमारे शरीर को काफी नुकसान होता है। कैल्शियम की कमी से हमारी हड्डियां, दांत और नाखून कमजोर हो जाते हैं। हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। बाल झड़ने लगते हैं और हर समय थकान महसूस होती है।
याददाश्त कमजोर हो सकती है और हाथ पैर सुन्न हो सकते हैं। इसलिए कैल्शियम का नॉर्मल लेवल मेंटेन करना बहुत जरुरी होता है। तो जिन लोगों को कैल्शियम की प्रॉब्लम है उन लोगों को अपना ब्लड टेस्ट नियमित रूप से करवाते रहना चाहिए और अपना कैल्शियम लेवल नॉर्मल रेट में रखना चाहिए।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये जानकारी लाभदायक सिद्ध होगी