Eye Problem – आँखों से जुड़ी परेशानियां, कैसे करें बचाव
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हमारा शरीर कुदरत का दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा है और हमारी आँखे सबसे ज्यादा कीमती। अपनी आँखों की बदौलत ही हम इस खूबसूरत संसार को देख सकते है। अच्छा-बुरा पहचान सकते है।
लोगों का कहना है की आँखों को देख कर किसी के मन की बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है लेकिन हम अपनी छोटी-छोटी लापरवाही से कुदरत के इस अनमोल तोहफे को नुक्सान पहुंचा रहे है जिसका खामियाजा हमें खुद भुगतना पड़ता है।
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आँखों से जुड़ी परेशानियां (Eyes Related Problem)
1. फ्लोटर्स (Eye Floaters):
फ्लोटर्स से ग्रसित व्यक्ति को अपनी आँखों के सामने कई तरह की आकृति दिखने लगती है। ये रोग बुजुर्गो में ज्यादा देखने को मिलता है। क्योंकि उम्र के बढ़ने से आँखों के रेटिना में मौजूद जैल कम होने लगता है।
कई बार व्यक्ति की आँखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो जाती है और अंधेपन का शिकार हो जाता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी ही बेस्ट उपाय है।
2. इन्फेक्शन (Infection) – Eye Problem
कई बार आंखे बहुत ज्यादा लाल हो जाती है जिसकी वजह से उसमे बहुत ज्यादा जलन और दर्द शुरू हो जाता है जिसका कारण है (Eye Problem) आँखों पलकों में सुजन होना, आँखों में किसी तरह की चोट लगना, आँखों में किसी तिनके या कीड़े का चला जाना और किसी और की आँखों से संक्रमण हो जाना।
ये इन्फेक्शन कुछ वक्त के लिए भी हो सकता है या फिर हमेशा के लिए भी। जैसे ही इन्फेक्शन हो तुरंत डॉक्टर से मिले।
3. मोतियाबिंद (Cataracts)
आमतौर पर मोतियाबिंद 55 से 60 वर्ष की उम्र के बाद होने के चांसेस होते है लेकिन आज के समय में कम उम्र का व्यक्तियों में भी इसकी समस्या देखने को मिल रही है।
इसमें व्यक्ति काफी समय तक किसी तरह के आँखों के इन्फेक्शन या रोग से ग्रसित होता है उसके बाद आँखों में मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें मरीज को रात को काफी हद तक दिखना बंद हो जाता है या फिर कम हो जाता है।
मोतियाबिंद के इलाज के ज्यादातर ऑपरेशन की सलाह दी जाती है।
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4. रतौंधी (Night Blindness) – Eye Problem
रतौंधी एक तरह से आंशिक अंधापन होता है जिन व्यक्तियों को रतौंधी होता है उन्हें सूरज के ढलने के बाद दिखना बंद हो जाता है और सुबह सूर्योदय के बाद फिर से सामान्य हो जाता है।
रतौंधी रोग होने की सबसे बड़ी और मुख्य वजह है शरीर में विटामिन-A की कमी। विटामिन-A आँखों की रोशनी बनाये रखने में बहुत ही इफेक्टिव होता है।
इसके शुरूआती लक्षणों में व्यक्ति को पास की चीज़े बिलकुल नही दिखती या धुन्दला दिखता है। रतौंधी से बचने के लिए विटामिन-A युक्त जरुर खाए।
5. मायोपिया (Myopia)
मायोपिया आँखों की रोशनी कमजोर होने की एक समस्या है जिसमे व्यक्ति को दूर की चीज़े या तो बिल्कुल नहीं दिखती या फिर धुंधली दिखती है।
हालाँकि मायोपिया के रोगियों को पास की चीज़े देखने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसमें आँखों से कुछ भी देखने पर उस वस्तु का प्रतिबिम्ब हमारी रेटिना पर बनने की जगह कुछ पहले ही बनने लगता है जिससे रेटिना का फोकस बिगड़ जाता है।
इसमें दूर की वस्तु देखने के लिए अवतल (concave) लेंस का प्रयोग किया जाता है।
हाइपरमेट्रोपिया(Hypermetropia)
हाइपरमेट्रोपिया भी आँखों की कमजोर होती रोशनी के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें व्यक्ति को पास में रखी चीज़े धुंधली दिखने लगती है।
हाइपरमेट्रोपिया से ग्रसित व्यक्ति जब भी कोई वस्तु देखता है तो उसका प्रतिबिम्ब रेटिना की जगह रेटिना के पीछे बनने लगता है जिससे वस्तु पर फोकस नहीं हो पता है।
इसके रोकथाम के लिए डॉक्टर उत्तल (convex) लेंस लगाने की सलाह देते है।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा






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