पांच हेल्दी फूड जो हम गलत तरीके से खाते हैं और कैसे उसे ठीक किया जाये – How to Eat Healthy
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खाना कितना भी पौष्टिक क्यों न हो लेकिन अगर गलत तरीके से खाया जाए तो वो पेट में जाकर गड़बड़ी करेगा।
इस बात से हैरानी होती है कि इतने हेल्दी फूड्स को भी हम में से ज्यादातर लोग अनजाने में गलत तरीके से खाते हैं इसी वजह से डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स, स्किन, हेयर फॉल और बाकी क्रॉनिक हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ती ही जा रही हैं।
इस वीडियो में जानते हैं, पांच हेल्दी फूड जो हम गलत तरीके से खाते हैं और कैसे उसे ठीक किया जाता कि हमें उनका भरपूर फायदा मिल सके।
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5. लहसुन – How to Eat Healthy
लहसुन एक ऐसा फूड है जिसे मैक्सिमम लोग गलत ही खाते हैं। लहसुन के लाजवाब हेल्थ बेनिफिट्स हैं इतना कि आयुर्वेद में इसे खाने से कुछ बढ़कर ही माना जाता है, लहसुन बड़ी बड़ी बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है लेकिन इसे रोज नहीं खाना चाहिए।
जिस तरह से हम लहसुन को रोज सब्जियों का तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं ये सही नहीं है। हमें ये समझना होगा कि लहसुन एक स्ट्रॉन्ग stimulant है जो हमारे नर्वस सिस्टम पर सीधा असर करता है। लहसुन में कुछ सल्फर के कंपाउंड्स भी होते हैं जो रोज खाने से ब्रेन सेल्ज को डैमेज कर सकते हैं।
अगर आप लहसुन रोज खाएंगे तो शरीर में तामसिक दोष बढ़ेगा। यहां तक कि लहसुन पेट में हेल्दी बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। अगर स्पिरिचुअल ग्रोथ आपके लिए प्रायरिटी है फिर तो लहसुन आपको हर हालत में अवॉइड करना चाहिए। ये मैसेज काफी शास्त्रों में दिया गया है.
एक कफ सिरप का उदाहरण ले लो। खांसी होने पर पीने से वो मेडिसिन की तरह काम करता है। लेकिन सोचिए अगर आप इसे रोज रोज पीना चालू कर दें तो फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाएगा।पर आजकल कच्चा लहसुन खाने की सलाह देने की मानो होड़ सी ही चल पड़ी है।
आयुर्वेद की मानें तो लहसुन को सिर्फ मेडिसिन के तौर पर ही खाना चाहिए। हां, ये जरूर कहा जा सकता है कुकिंग करने से लहसुन में स्टिमुलटिंग कंपाउंड्स कम हो जाते हैं लेकिन फिर भी रोज खाने से ब्रेन के लिए सही नहीं है।
4. शकरकंदी – How to Eat Healthy
विटामिन ए बी सी डाइटरी फाइबर से भरपूर शकरकंदी कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स के बेस्ट सोर्सेज में से एक है जिसे खाने से लंबे समय तक एनर्जी मिलती है।
काफी लोग फैट लॉस करने के लिए बॉयलड स्वीट पोटैटो खाने की सलाह देते हैं और कुछ तो कहते हैं कि बिल्कुल ही अवॉयड करनी चाहिए। चूंकि इससे वेट बढ़ता है लेकिन शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे कि शकरकंदी को वेट लॉस और वेट गेन दोनों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
बस बनाने का तरीका अलग है।
आयुर्वेद कहता है कि अगर किसी को वेट बढ़ाना है मसल्स बनाने हैं तो उस इंसान को ज्यादातर शकरकंदी को बॉयल करके ही खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बॉयल करने से शकरकंदी में पानी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे वेट गेन करवाने में मदद मिलती है।
वहीं दूसरी तरफ अगर आप वेट घटाना चाहते हैं तो आपको शकरकंदी बॉयल करके नहीं बल्कि उसे बेक ड्राय रोस्ट या थोड़े से तेल में छोंक कर खाना चाहिए। अगर आप इसका छिलका भी न उतारें तो फैट लॉस और भी जल्दी होगा।
थोड़ी सी काली मिर्च हल्का सा नीम्बू और सेंधा नमक डाल के खाना फैट के लिए बेस्ट है।
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3. तुलसी के पत्ते – How to Eat Healthy
तुलसी के जबरदस्त बेनिफिट्स होने की वजह से इसे भारतीय संस्कृति में ही नहीं बल्कि विश्व भर में पूजा जाता है। हालांकि आजकल जिस तरह से हम लोग तुलसी के पत्तों को इस्तेमाल करने लगे हैं उससे फायदा नहीं बल्कि उल्टा नुकसान हो रहा है।
इसका कारण है तुलसी वाली चाय।
आयुर्वेद की संहिताओं में बड़ी clearly में बताया गया है कि तुलसी और दूध विरुद्ध रहा है और इन दोनों को एक साथ खाने से बॉडी में टॉक्सिन्स भी बनेंगे। इसलिए तुलसी वाली चाय ना पीएं।
यही नहीं तुलसी के पत्तों को चबाना भी नहीं चाहिए। आजकल दुनिया भर में तुलसी डालकर पकवान बनाए जाते हैं। बिना ये सोचे कि इसको चबाने से नुकसान हो सकता है।
तुलसी में पारा होता है जो अगर आपके दांतों में फंस जाए तो दांतों को खराब कर सकता है। इसलिए तुलसी का फायदा लेने के लिए उसके पत्तों को निगल लें चबाएं नहीं।
तुलसी के पत्तों के बॉडी और माइंड दोनों के लिए ही बहुत फायदे हैं। इसलिए ये फायदा बना रहे इसलिए हफ्ते में एक दिन इसको छोड़ दें।
2. अंकुरित अनाज – How to Eat Healthy
किसी भी खाने के आगे सुपर लगाया जा सकता है अगर इसे अंकुरित कर दिया जाए। ये इतने पौष्टिक होते हैं कि अगर आप इन्हें खाने की आदत बना लें तो मल्टी विटामिन की कभी भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
हालांकि क्योंकि ये जीवित होते हैं इसलिए काफी सेंसेटिव भी होते हैं इसलिए इन्हें बड़े ध्यान से खाना चाहिए वरना आपको पचने में भारी कर सकते हैं।
पहली बात तो ये कि अंकुरित अनाज को कभी भी उबालना या पकाना नहीं चाहिए। ये इतने डेलिकेट होते हैं कि अगर इन्हें थोड़ी देर के लिए भी गैस पर रखकर पकाया जाए तो ये अपने सारे पौष्टिक तत्व खो बैठते हैं।
इसलिए अगर आप स्प्राउट्स को उबाल कर खा रहे थे फिर तो आपको इनसे फाइबर के अलावा और कुछ नहीं मिलता था। स्प्राउट्स की तासीर ठंडी होती है जिस वजह से इन्हें पचाना थोड़ा मुश्किल होता है इसलिए पेट भर कर नहीं बल्कि थोड़ी सी ही क्वॉन्टिटी में खाएं ताकि बॉडी अच्छे से पचा सके।
स्प्राउट्स को सलाद की तरह समझना चाहिए इसलिए इन्हें भी मेन मील से पहले ही खाना चाहिए बाद में नहीं। पकी हुई सब्जियों में मिलाकर न खाएं।
कच्चे फल और सब्जियों में मिलाकर खा सकते हैं क्योंकि ये ठंडे होते हैं। इन्हें शाम को 5 बजे के बाद नहीं खाना चाहिए। धूप निकली हो तब खाएं तो बेस्ट रहेगा।
अंकुरित अनाज ना ही सिर्फ कंप्लीट प्रोटीन होता है बल्कि फाइबर एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ढेरों micronutrients भी होते हैं। बस आपको इन्हें सही तरीके से खाना है।
इससे पहले कि पहले नंबर के फ़ूड की बात करें, बात करते हैं मूली खीरा दही और केले को कभी भी सूरज ढलने के बाद नहीं खाना चाहिए।
बादाम को हमेशा 4 से 6 घंटे के लिए भिगो के छिलका उतारकर ही खाना चाहिए। बादाम को रात को खाने की बजाय उनका पेस्ट दूध में डालकर पी लें।
1. स्टफ्ड पराठे – How to Eat Healthy
स्टफ्ड परांठे उत्तर भारतीयों का तो जैसे फेवरिट ब्रेकफास्ट ऑप्शन ही है। सच में परांठे किसे नहीं पसंद। इतने टेस्टी हैं और अलग अलग चीजें भरकर खा सकते हैं।
लेकिन एक बात ध्यान देने वाली है। ज्यादातर लोग गोभी या मूली पराठा बनाते हुए लिए कच्ची सब्जी को स्टफ करके बनाते हैं। ऐसा करने से पराठे गैस कर सकते हैं।
आयुर्वेद की मानें तो गेहूं का मूली के साथ वैसे ही कॉम्बिनेशन ज्यादा अच्छा नहीं है और जब कच्ची चीज को पकी चीज के साथ मिक्स करते हैं तब गड़बड़ होने के चांसेस और भी बढ़ जाते हैं।
आलू परांठा खाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन अगर आप मूली या गोभी पराठा बनाएं तो एक बार हल्का सा सब्जियों को जरूर छौंक लें।
तीन चार मिनट ही ज्यादा लगेंगे लेकिन इससे ये अच्छे से पच जाएंगे और गैस भी नहीं करेंगे।
तो ये थे वो पांच फूड जो हममें से ज्यादातर लोग गलत तरीके से खाते हैं। किसी भी चीज के फायदे पता होना अच्छी बात है लेकिन उसे कब और कैसे खाना है ये सबसे ज्यादा मायने रखता है। आयुर्वेद हमें यही सिखाता है।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा




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