इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है – उपवास के नियम – फास्टिंग के फायदे – Intermittent Fasting
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इंटरमिटैंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) यानी 16 घंटे उपवास
ये एक ऐसी प्रैक्टिस है जिसको अपनाने के कुछ ही दिन में आप देखेंगे आपकी मेंटल क्लैरिटी बढ़ जाएगी, सारा टाइम खाने के बारे में नहीं सोचना पड़ेगा।
आप दिन में ज्यादा काम कर पाएंगे। स्किन क्लियर होने लगेगी। वेट कम होने लगेगा और कोई हेल्थ प्रॉब्लम्स है तो वो भी जाने लगेगी।
चाहे आपको उपवास का नाम सुनते ही डर लगता हो या आपने पहले बहुत उपवास किए हो, चाहे आप एकदम स्वस्थ हो या बीमार।
मोटे हो या पतले चाहे आप को सुबह उठते ही खाने का मन करता हो या देर रात तक खाते हो, आपको इसे जानना बहुत जरुरी है, क्योंकि ये एक प्रैक्टिस है जो आपकी जिंदगी बदल सकती है।
कई लोग इसे एक fad diet की तरह मानकर इस पर विश्वास नहीं कर रहे। पर आज जो चीज नई लग रही है वो नई नहीं है। आज जिस उपवास को हम fad मान रहे हैं, हमारे पूर्वज उसको हजारों सालों से करते आए हैं।
हमारे बहुत सारे शास्त्रों में भी मेंशन है कि सूर्य अस्त के बाद कुछ नहीं खाना और सवेरे जब तक सूर्य सर के एकदम ऊपर ना पहुंच जाए, तब तक कुछ नहीं खाना।
हमारे पूर्वजों ने इसको 16 घंटे उपवास का नाम नहीं दिया, लेकिन उनकी दिनचर्या ही ऐसी थी कि वो ये ऑटोमैटिकली करते थे।
आज बहुत सारी साइंटिफिक स्टडीज भी प्रूव कर रही है कि रोज अपने शरीर को खाने से आराम देने से आपको कितने फायदे हो सकते हैं। आप खुद सर्च करके देख सकते हैं।
16 घंटे की सही विधि को समझते हैं – Intermittent Fasting
आपको रोज रात डिनर और ब्रेकफस्ट के बीच 16 घंटे के लिए कुछ नहीं खाना, आप अपने शेड्यूल के हिसाब से टाइमिंग्स को अजस्ट कर सकते हैं।
अगर आप डिनर शाम 07:00 बजे करते हैं तो अगले दिन 11:00 बजे ही अपना अगला सॉलिड भोजन लीजिए और अगला डिनर शाम 06:00 बजे ले पाते हैं तो अगले दिन 10:00 बजे ही कुछ सॉलिड भोजन खाएं।
इस 16 घंटे के दौरान आप पानी, नारियल, पानी या वेजिटेबल जूस या किसी भी सब्जी का जूस ले सकते हैं।
शायद सुनने में आपको मुश्किल लग रहा हो, लेकिन यह मुश्किल है नहीं, क्योंकि 16 घंटे में से ज्यादातर समय तो सोते सोते निकल जाता है।
16 घंटे उपवास के तीन सबसे बड़े फायदे
1. Rest for all the organs
ये आपके सभी अंगों को आराम देता है। आप इमैजिन कीजिए। आप अपने ऑफिस में काम कर रहे हैं और आपके बॉस आपको काम पर काम दिए जा रहे हैं। काम करते करते शाम हो जाती है और वापस घर जाने के लिए उठ ही रहे होते हैं।
लेकिन आपके बॉस आकर आपको तीन घंटे का काम और दे जाते हैं। फिर आप घर जाने के लिए उठे रहे होते हैं, लेकिन तीन घंटे का काम और आ जाता है।
आपको क्या लगता है आप ऐसे कितने दिन तक काम कर पाएंगे। किसी चीज को जब हम इतना काम देते हैं तो उसके काम करने की क्षमता ही खत्म हो जाती है।
तो यही चीज आप अपने पेट के साथ कर रहे हैं। उस पर लगातार प्रेशर डाल रहे हैं।
इससे पहले हमारी रात के दाल चावल पचे, सुबह के परांठे, इडली, डोसा अंदर और डाल देते हैं। वो पचा नही, दिन का लंच अंदर और डाल देते हैं। आपका पेट उस खाने को पचाने के लिए 24 घंटे मेहनत करता ही रहता है।
ज्यादातर दिन ओवरटाइम काम करता है। उसको महीने में एक छुट्टी नहीं मिलती।
आप ही सोचिए वो ऐसा कब तक करता रहेगा। अगर आप उस पे इतना प्रेशर डालते रहें तो जल्द ही वो ढंग से काम भी करना बंद कर देगा, तो खाया वह भोजन पचेगा नहीं, अंदर ही जमता रहेगा और दुनिया भर की बीमारियों को जन्म देगा।
लेकिन 16 घंटे उपवास करने से आप अपने पेट को आराम देते हैं। पेट को ही नहीं बाकी सारे अंगों को भी ब्रेक मिलता है।
पेन्क्रियाज को इंसुलिन बनाने से आराम, लिवर को बाइल बनाने से आराम और पेट को पाचन रस बनाने से आराम। उपवास के दौरान आपके सभी अंग आपको धन्यवाद बोलते हैं।
2. More Productivity – Intermittent Fasting
इसको करके आप पहले से दो गुना ज्यादा काम कर पाएंगे। आप और प्रोडक्टिव हो जाएंगे।
आपके फोन में सबसे हैवी एप्लीकेशन कौनसी है। आपकी कैमरा ऐप, अगर आप उसे लगातार एक दो घंटे यूज करते रहें तो क्या होगा बैटरी एकदम कम हो जाएगी।
फिर क्या दूसरे काम करने के लिए बैटरी बचेगी नहीं, क्योंकि आपके फोन में लिमिटेड ही बैटरी है।
ऐसा ही आपके शरीर के साथ है। आपके शरीर की सबसे हैवी ऐप कौन सी है – डाइजेशन की ऐप।
जब आप नाश्ते में परांठा, चिवड़ा, बिस्किट, चाय जैसी भारी चीजें खाते हैं या फिर पूरा दिन बस ब्रेक दिए बगैर खाते ही रहते हैं। आपकी ज्यादातर ऊर्जा डाइजेशन खींच लेता है।
पता है कितनी ऊर्जा, 75% से भी ज्यादा. अब अगर 75% एनर्जी डाइजेशन के लिए खर्च हो गई तो क्या दिमाग के लिए एनर्जी बचेगी।
आप ही बताइए तो ,आप कल से ही इसको शुरू कीजिए और देखिए कैसे आपकी एनर्जी बढ़ जाती है। काम करने बैठेंगे तो इतनी क्लैरिटी होगी कि जो काम दो घंटे में करते थे वो एक घंटे में कर पाएंगे। ये सब इसके लिए क्योंकि खाने का दबाव आपको नीचे नहीं खींच रहा होगा।
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3. Proper Absorption of Nutrients
आप भोजन के न्यूट्रिएंट्स पोषक तत्वों को ज्यादा अच्छे से अब्जॉर्ब कर पाएंगे। आप में से कितने लोगों को कहा जाता है, अरे बेटा कुछ न कुछ खाते रहो नहीं तो पोषण कैसे मिलेगा, वीक हो जाओगे लेकिन सच्चाई इससे एकदम उल्टी है।
वो कैसे
जब तक रोज थोड़ी देर पेट को खाली नहीं छोड़ोगे तब तक कितना भी हेल्दी क्यों ना खा लो। कितनी भी हरी सब्जियां जूस, फल मेवे क्यों ना खा लो कुछ फायदा नहीं।
क्योंकि पेट में उनको ग्रहण करने की तो जगह ही नहीं है ना वो पहले से ही भरा हुआ है, लेकिन फास्टिंग से पेट खाली होता है। वापस से जगह बनती है।
तो अगर आप अपने भोजन के पोषक तत्वों को उनके न्यूट्रिएंट्स को सच में अंदर लेना चाहते हैं तो रोज पेट को ब्रेक दें।
ब्रेक देने से नई जगह बनती है और फिर आप जो भी खाएंगे शरीर उसके पोषण तत्व को सही ढंग से ग्रहण कर पाएगा।
16 घंटे उपवास कैसे करते हैं। ये तो हमने सीख लिया। इसके फायदे भी हम जान गए, लेकिन क्या आपको पता है? ऐसे तीन रास्ते हैं जिनको फॉलो करके आप इसके फायदों को डबल कर सकते हैं।
1. डीटॉक्स ज्यूस – Detox Juice
सुबह के टाइम उपवास तोड़ने से दो घंटे पहले किसी भी सब्जी का जूस ले लें। जैसे सफेद पेठा, लौकी, खीरा या फिर नारियल पानी।
आप ऐसे समझे कि जब आप उपवास कर रहे होते हैं आपके शरीर की सफाई हो रही होती है जो टॉक्सिन गन्दगी अंदर बैठी है वो शरीर को छोडने लगती है, जब ये डीटॉक्स जूस शरीर के अंदर आते हैं, सफाई और तेजी से होने शुरू हो जाती है।
लेकिन चाय, कॉफी, स्मूदी, दूध, सूप या फलों का जूस 16 घंटे उपवास के दौरान इनमें से कुछ नहीं लेना या अपनी सफाई को तुरंत बंद कर देंगे।
2. समय पर खाना – Intermittent Fasting
दूसरा शाम का डिनर 06:00 बजे खा लीजिए क्यों क्योंकि हमारी जठराग्नि का सूर्य से बहुत गहरा संबंध है। जब सूरज हमारे सर के एकदम ऊपर होता है तब हमारी जठराग्नि सबसे तेज होती है, जैसे जैसे सूरज ढलता रहता है हमारी जठराग्नि भी कम होती जाती है
तो अगर आप 16 घंटे उपवास कर भी रहे हैं, लेकिन रात को नौ 10:00 बजे तक खा रहे हैं। आपको इसका पूरा फायदा नहीं मिलेगा।
शाम को जितना जल्दी हो सकता है उतना जल्दी खाइये। आप करना चाहेंगे तो होगा जरुर होगा।
3. सात्विक भोजन खाइए
तीसरा आठ घंटे की विंडो में सात्विक भोजन खाइए कुछ लोग सोचते हैं कि हम 16 घंटे उपवास कर रहे तो आठ घंटे में कुछ भी खा लेते हैं जो मिले वो खा लेते हैं।
आप ऐसी गलती मत करना। आठ घंटे की ईटिंग विंडो में आप जो भी खा रहे हैं वो सात्विक होना चाहिए।
16 घंटे उपवास किस किसको करना चाहिए और किस किसको नहीं
1. आप हाउसवाइफ हो या बिजनेस स्टूडेंट हो या प्रिंसिपल बॉस हो या एम्प्लॉय। ये 16 घंटे उपवास सभी के लिए है।
अगर आपको आज कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम है, कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम, डायबिटीज, पीसीओडी, ओबेसिटी, थायरॉइड, हाईब्लड प्रेशर, जोड़ो में दर्द, साइनस, स्किन प्रॉब्लम, ऑटोइम्यून प्रॉब्लम या कोई भी दूसरी बीमारी है,
तो मतलब आपके शरीर में कुछ टॉक्सिंस जमे हैं, यानी गंदगी इकट्ठा है और टॉक्सिन्स को शरीर से निकालने का अंदर से शरीर को साफ करने का उपवास ज्यादा शक्तिशाली कोई तरीका नहीं है तो किसी भी बीमारी को रिवर्स करने के लिए तो ये बेहद फायदेमंद है।
अगर आप कोई दवाई लेते हैं तो शुरू शुरू में आप अपने डॉक्टर से पूछें कि आप अपनी मेडिसिन्स को अपने 16 घंटे उपवास के साथ कैसे एडजस्ट कर सकते हैं।
अगर आप डायबिटिक है और आपको डर है कि 16 घंटों के उपवास से आपके शुगर लेवल ना कम हो जाए तो आप शुरू शुरू में उपवास के दौरान थोड़ा गुड रखें अपने साथ और जब भी चक्कर आते हैं या अगर लगता है कि शुगर Low हो रही है तो आधा चम्मच गुड़ ले लीजिए।
ये ध्यान रखिए कि अगर आप 16 घंटे उपवास के साथ साथ पूरी सात्विक जीवनशैली अपना रहे हैं तो धीरे धीरे दवाइयों की जरूरत ही खत्म हो जाएगी।
दूसरी तरफ अगर आप आज एकदम स्वस्थ है। कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं है तो 16 घंटे उपवास इंश्योर करेगा कि आगे जाके भी आप हमेशा स्वस्थ रहें।
2. दूसरी कैटेगरी आती है। उन लोगों की जिनको बिल्डिंग की जरूरत है। इसमें आ जाते हैं,
बच्चे यानी वो जिनकी उम्र 16 साल के नीचे है।
अंडरवेट लोग जिनको वजन बढ़ाना है और
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स।
इन सिचुएशन्स में शरीर को बिल्डिंग की ज्यादा जरूरत होती है और इसीलिए 16 घंटे की बजाय डिनर और ब्रेकफस्ट के बीच 12 से 14 घंटे का ब्रेक काफी है।
लेकिन अगर उन्हें कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम या बीमारी है तो उनके लिए 16 घंटे उपवास बहुत फायदेमंद होगा। वो तब तक करें जब तक बीमारी शरीर से पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती।
3. अगर आप एथलीट है यानी रोज तीन चार घंटे एक्सरसाइज करते हैं तो भी आपके लिए 16 घंटे उपवास बहुत फायदेमंद है।
आजकल दुनिया भर में बहुत सारे एथलीट ये कर रहे हैं, मसल्स बढ़ाने के लिए अगर आप सुबह बहुत जल्दी एक्सरसाइज करते हैं तो आप 14 घंटे उपवास से शुरू कीजिए।
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कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Intermittent Fasting
1. हमने तो 16 घंटे उपवास शुरू किया है, लेकिन हमें एसिडिटी हो गई। सरदर्द होने लगा थकान महसूस होने लगी। हम क्या करें
समझते हैं ऐसा क्यों होता है
जब एक एल्कोहॉलिक अल्कोहल छोड़ता है तो क्या होता है शुरू शुरू में तो काफी विड्रॉल सिम्टम्स आते हैं दिक्कत होती है, लेकिन क्या इसका मतलब एल्कोहल अच्छा था नहीं उसका शरीर अजस्ट होने के लिए थोड़ा समय ले रहा है
क्योंकि वो इतने साल से उसे पीते आया है। ठीक इसी तरह जब हम जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं और जब 16 घंटे उपवास शुरू करते हैं तो बॉडी को अजस्ट करने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए।
अगर आपने पहले ये कभी नहीं किया तो हो सकता है। आपको शुरू शुरू में एसिडिटी, हेडेक या वीकनेस आए, लेकिन वो टेंपरेरी है।
दो चार दिन में एकदम चली जाएगी। पेशेंस रखिए अगर आपको एसिडिटी सरदर्द या थकान महसूस होती है तो आपने पानी की मात्रा को बढ़ा दीजिए। 16 घंटे के दौरान थोड़ा थोड़ा पानी सिप करते जाइए।
2. ये 16 घंटे उपवास हमें कितने दिन तक करना है? Intermittent Fasting
जब तक आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तब तक फॉलो करें।
अभी हो सकता है, आपको लग रहा हो कि कोई अलग से करने वाली चीज है। मगर जल्द ही ये आपके जीवन का तरीका बन जाएगा। 16 घंटे से पहले आपको कुछ खाने का मन ही नहीं करेगा।
आप इसको डाइट प्लान समझ कर मत कीजिए। ये तो प्रकृतिके नियमों का एक हिस्सा है और आप इसको फॉलो करके सिम्पली उन नियमों का पालन कर रहे हैं।
3. क्या मेरी फास्टिंग विंडो रोज़ सेम होनी चाहिए कि मैं अलग अलग दिन में अलग अलग समय भी उपवास कर सकता हूं।
जितना हो सके उतनी कोशिश करे कि आपकी फास्टिंग विंडो रोज सेम रहे ताकि आपके शरीर को उन टाइमिंग्स की आदत पड़ सके।
लेकिन हम समझते हैं कि ऐसा हमेशा मुमकिन तो नहीं हो सकता हो सकता है। हो सकता किसी दिन 6 से 10 तो आप कर रहे हो तो किसी दिन 7 से 11 कोई बात नहीं।
अगर हफ्ते में एक बार आपको कहीं बाहर जाना भी पड़ रहा हो। रात को खाने में देर हो भी जाती हो तो अगले दिन ब्रेकफस्ट स्किप कर दीजिए। सुबह सिर्फ जूस ले ले और फिर सीधा लंच यदि आप ऑफिस जाते हैं तो छह 07:00 बजे तक घर आ जाएं।
लेकिन अगर आप जल्दी nhi आ ही नहीं सकते, ऐसे में आप वीकडेज को 16 घंटे की जगह हर रात 14 घंटे का उपवास करें।
आठ 09:00 बजे भी खाते हैं तो अगले दिन 10 11:00 बजे तक ही अपना नाश्ता लीजिए और वीकएंड को उसकी पूर्ति करने के लिए पूरा दिन उपवास कर लें।
संडे को पूरा दिन जूस पीते है तो शरीर को वही फायदा मिल जाएगा।
4. मैं अपनी फैमिली में यह 16 घंटे उपवास अकेले कैसे करूं। मेरे परिवार में तो सब लेट खाना खाते हैं।
एक ऐसा टाइम निकालिए जो आप दोनों को लेकर possible हो। अगर आप 06:00 बजे खाना चाहते हैं और वो 08:00 बजे तो उन्हें 07:00 बजे खाने के लिए अपने साथ मना लीजिए।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा



