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क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद – Irritable Bowel Syndrome | Ayurved Guide

क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद – Irritable Bowel Syndrome

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क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद – Irritable Bowel Syndrome

आईबीएस, ग्रहणी रोग या पेट की जो भी बीमारी है वो दिमाग से ज्यादा पेट की अग्नि यानी मेटाबॉलिज्म के खराब होने के कारण है।

तो इलाज में क्या कर सकते हैं?

तो वात के कारण अगर आपका पेट खराब है तो इसके लिए तो जो सबसे बेस्ट चीज है, इसके लिए पंचकर्म नाम की चिकित्सा है उसमें बस्ती, बस्ती मतलब जो आयुर्वेदिक तेल होते हैं या आयुर्वेदिक काढ़े होते हैं,

अगर आप उसकी बस्ती यानी एनिमा लेते हैं तो जो भी मल या गैस जो बहुत ज्यादा पेट में भरी हुई है वो निकल जाएगी ।

तो बस्ती विरेचन और तेल वाला जो एनिमा है एक काढ़ा एक विरेचन पेट साफ करना अरंड तेल पीकर और एक तेल वाला एनिमा इस तरह का,

अगर आप नजदीकी आयुर्वेदिक सेंटर हॉस्पिटल या कहीं भी जाकर इलाज कराएं तो वो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा होगी जो कि आपको जरूर जाकर करना चाहिए।

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घर पर इस रोग को ठीक करने के लिए क्या क्या कुछ उपाय कर सकते हैं अब वो भी जान लेते हैं। वायु के कारण जब भी पेट बिगड़े तो उसके लिए अगर कोई सर्वश्रेष्ठ दवा हम बोल सकते हैं अगर मल के अंदर बहुत ज्यादा दुर्गंध नहीं है, मल आम युक्त नहीं है तो उसकी जो सर्वश्रेष्ठ दवा है वो है घी।

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घी को आयुर्वेद में अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ दवा कही गई है।

जैसे आपने देखा होगा कि हवन करते समय उसमें बार बार घी डालते हैं, क्योंकि जो अग्नि है वो अच्छे से प्रज्वलित हो या अग्नि अच्छे से बनी रहे।

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सेम वैसे ही वायु के कारण या कोई भी कारण से जब आपकी अग्नि बिगड़ी हुई है तो उसमें आयुर्वेद में कहते हैं घी का सेवन कीजिए।

अर्थात आप जब भी जो भी खाना खाए तो उसमें आप घी का इन्वॉल्वमेंट कीजिए।

पर कुछ लोग के साथ ऐसा भी होता है कि घी खाने से भी समस्या होती है, इसलिए वो कहते हैं कि अकेला घी कभी मत खाओ, घी के अंदर कुछ औषधियां डाल कर खाओ।

जैसे कि एक पंचकोल नाम का चूर्ण आता है जो आयुर्वेदिक स्टोर में आपको मिल जाएगा, वो चूर्ण 1 से 2 ग्राम घी में मिलाकर खाना चाहिए।

ये सबसे अच्छा तरीका है। अगर आपको पंचकोल नहीं मिल रहा तो आपके घर पर सौंठ या काली मिर्च रखी होगी उसे घी के अंदर 2 से 3 चुटकी डाल कर खाना खाने के पहले वो घी खाना आपकी अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ है ये आपको करना चाहिए,

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और ऐसे लोग जिन्हें बिल्कुल भी भूख नहीं लगती वो ये कर सकते हैं कि सोंठ, सेंधा नमक और हरड़ ये दो दो चुटकी तीनों चीजें ले लेना चाहिए, सोंठ का पाउडर आपको घर में मिल जाएगा।

सेंधा नमक भी आपके घर में होगा और हरड़ जो होती है ये सारी चीज़ें 2 2 चुटकी लेकर खाना खाने के पहले सादे पानी से लिया जाए तो ये आपकी भूख को प्रज्वलित करेगा, वायु का अनुलोमन करेगा, वायु निकालने में मदद करेगा और आपके शरीर में वायु बढ़ने के कारण जो अग्नि बिगड़ी है उसे ठीक करने में मदद करेगा।

तो खाने के पहले सोंठ सेंधा नमक और आप हरड़ ले लो। खाना खाते समय बीच में घी खाएं एक से दो चम्मच जिसके अंदर आप सोंठ, सेंधा नमक और हरड़ डालकर ले सकते हो। ये दो चीजें हुई।

खाने में आप गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा इस तरह की जो रोटियां हैं वो सारी चीजे आप खा सकते हैं या मूंग जैसी जो हल्की चीजें हैं वो खा सकते हैं और पेट बिगडने के कारण जो रोग होते हैं उसमें जो छाछ है, जिसे बटरमिल्क कहते हैं, वो सबसे अच्छा है।

छाछ बनाने के लिए सौ ग्राम दही लेनी है, उसमे 50 ग्राम पानी डालकर उसे बिलो लें, या घोल लें। वात के कारण अग्नि मंद है तो उसका मक्खन नहीं निकालना चाहिए सिर्फ पानी डालकर उसे घोलना चाहिए और

उसके अंदर सेंधा नमक और पीपली नामक एक पाउडर आता है जो कि आसानी से आपको आयुर्वेदिक दुकान में मिल जाएगा तो दो चुटकी पिपली पाउडर, दो चुटकी सेंधा नमक ये जो आप ने छाछ बनाई है खाने के बाद ये वाली छाछ पीना चाहिए।

इस तरह का अगर आप खान पान या उपाय करते हैं तो यह आपकी अग्नि बढ़ाने में मदद करेगा ।

अगर दिमाग के कारण ये रोग हो रहा है तो आयुर्वेद में शिरोधारा है उसमें भी छाछ की धारा अर्थात लेटा के सिर के ऊपर छाछ की जो धारा एक से डेढ़ घंटे गिराई जाती है वो बहुत अच्छा काम करेगी और आयुर्वेद में इसके लिए बहुत सारी औषधियां बोली गई हैं,

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अभ्यारिष्ट है, स्वर्ण परपटी है, पंचामृत परपटी है या बहुत सारे आसव अरिष्ट जैसे की अभ्यरिष्ट तकरारिष्ट या फिर शूंठी घृत, अष्टफल घृत, ऐसी बहुत सारी दवाइयां आयुर्वेद में कही गई हैं वो दवाइयां अपने नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर को दिखाकर उनसे पूछ कर ले सकते हैं।

ये जो आईबीएस का रोग है, पेट खराब होने का ये रोग है, इसे ठीक होने में कम से कम डेढ़ से दो साल तक का समय लगता है, अगर पूरी तरीके से ठीक करना है।

तो अगर आप इसे संयम के साथ लेते हैं नियमों का पालन करते हैं भोजन का, तो ये बीमारी ठीक हो सकती है, इसका पालन आपको जरूर करना चाहिए साथ ही साथ आयुर्वेद में जो भोजन के नियम कहे गए कि जब भूख लगे तभी खाना खाएं।

जितनी भूख लगे उतनी ही खाना खाओ, छह के छह रसों का सेवन करो। खाने में घी का सेवन करें। इस तरह अगर आप नियम पालन करते हैं तो आपकी जो बिगड़ी हुई अग्नि है वह फिर से अच्छी हो सकती है।

उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये आर्टिकल फायदेमंद सिद्ध होगा

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क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद - Irritable Bowel Syndrome
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क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद - Irritable Bowel Syndrome
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क़ब्ज़ पेट ख़राब और आयुर्वेद - Irritable Bowel Syndrome
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I am an Ayurvedic Doctor, serving humanity through Ayurveda an Ancient System of Medicine from the last 21 years, by advising Ayurveda principles and healing the ailments. I follow the principle that prevention is always better than cure.

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