Kidney Friendly Foods – किडनी की बीमारी में क्या खाएं क्या न खाएं
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Functions of Kidney
किडनी हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करती है। यह खून को साफ करती है। वेस्ट को पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकालती है, शरीर में मिनरल्स का बैलेंस बनाती है और शरीर में पानी का बैलेंस बनाती है।
Causes of Kidney Disease
किडनी खराब होने के बहुत से कारण होते हैं लेकिन जो आम कारण है वह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर, शराब पीना, हार्ट डिजीज, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी भी किडनी खराब होने का कारण बन सकते हैं।
Signs of kidney damage
जब किडनी खराब हो जाती है और अपना काम नहीं कर पाती है तो शरीर में पानी जमा होने लगता है और खून में वेस्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं।
लेकिन अपने खान पान में कुछ चीजों को ना खाकर या कुछ चीजों को कम खाकर आप खून में जमा होने वाले वेस्ट पदार्थ को कुछ हद तक कम कर सकते हैं, किडनी फंक्शन को बढ़ा सकते हैं और किडनी को आगे और खराब होने से बचा सकते हैं।
किडनी की बीमारी और खान पान के बीच में गहरा संबंध होता है। किडनी की बीमारी में कौन सा परहेज करना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि किडनी की बीमारी किस स्टेज में है।
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Stages of Kidney Disease
उदाहरण के लिए जिन लोगों में किडनी की बीमारी शुरूआती स्टेज में है उन लोगों के लिए परहेज अलग होगा और जिन लोगों में किडनी की बीमारी Advance स्टेज में है और किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है उन लोगों के लिए परहेज अलग होगा।
जो लोग डायलसिस करवा रहे हैं उनके लिए परहेज अलग होगा। डायलिसिस के द्वारा शरीर में से फालतू पानी और वेस्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकाला जाता है।
जिन लोगों में बीमारी आखरी स्टेज में होती है उन लोगों को ऐसी डाइट खानी पड़ती है जिससे खून में केमिकल्स और न्यूट्रीएंट्स जमा ना हो पाएं।
जब किडनी खराब हो जाती है तो वह खून में से सोडियम, पोटैशियम और फास्फोरस को पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाती है। जिसके कारण खून में इन पोषक तत्वों की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है।
Kidney friendly foods


किडनी फ्रेंडली डाइट में आमतौर पर सोडियम को 2000 एमजी पर डे तक घटा दिया जाता है और फासफोरस को 1000 एमजी परडे तक घटा दिया जाता है। खराब किडनी को प्रोटीन के हजम होने के बाद जो वेस्ट प्रोडक्ट निकलता है उसे फिल्टर करने में भी दिक्कत होती है।
इसलिए जिन लोगों में किडनी की बीमारी पहली स्टेज से लेकर चौथी स्टेज में है उन लोगों को अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा को भी कम करने की जरूरत होती है। लेकिन जिन लोगों में बीमारी आखिरी स्टेज में है और जो लोग डायलिसिस करवा रहे हैं उन लोगों को प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है।
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Foods to avoid in kidney disease
तो जानते हैं 15 ऐसे खाने की चीजों के बारे जिन्हें आपको किडनी फ्रेंडली डाइट में नहीं खाना चाहिए।
1. कोका कोला और कोका कोला जैसे दूसरे और कोल्ड ड्रिंक्स – Cold Drinks


इन कोल्ड ड्रिंक्स में शुगर और कैलोरीज तो होती ही हैं लेकिन इनके इलावा इनमें इस प्रकार के Additives भी डाले जाते हैं जिनमें फास्फोरस होता है। खासकर डार्क रंग के Drinks में। बहुत से खाने पीने का सामान बनाने वाली कंपनियां अपने खाने पीने के सामान में फास्फोरस मिलाती हैं ताकि इनके स्वाद को बढ़ाया जा सके।
इन्हें खराब होने से रोका जा सके और इनके रंग को खराब होने से बचाया जा सके। यह एडेड फास्फोरस एनिमल और पौधों से मिलने वाले कुदरती फास्फोरस के मुकाबले इंसानी शरीर के द्वारा ज्यादा मात्रा में हजम किया जाता है।
Additives के रूप में मिलने वाला फास्फोरस कुदरती फास्फोरस की तरह प्रोटीन के साथ नहीं जुड़ता है। यह नमक के रूप में होता है और आपके द्वारा जल्दी और ज्यादा मात्रा में हजम कर लिया जाता है। ऐसा कोई कानून नहीं है जो सामान बनाने वाली कंपनी को Additives की सही मात्रा पैकेट के ऊपर लिखने को बाधित करता हो।
200 एमएल कोल्ड्रिंक की बोतल में 50 से लेकर 100 एमजी तक Additive फॉस्फोरस हो सकता है, जो किडनी के लिए अच्छा नहीं होगा।
2. केला – Banana – foods to avoid in kidney disease


केले में पोटैशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। केले में सोडियम कम होता है लेकिन पोटैशियम ज्यादा होता है। एक मध्यम आकार के केले में 422 एमजी पोटैशियम होता है।
अगर आप हर रोज़ एक केला खाएंगे तो आपके लिए पोटेशियम की दैनिक मात्रा को 2000 एमजी से नीचे रखना मुश्किल हो जाएगा। केले की बजाए पाइनेपल में पोटैशियम की मात्रा कम होती है। इसलिए केला खाने की बजाए आप पाइनएप्पल खा सकते हैं।
3. डेरी उत्पाद – Dairy Products


डेरी उत्पादों में कई तरह के विटामिन्स और न्यूट्रिएंट्स होते हैं। इनमें फास्फोरस और पोटाशियम काफी अच्छी मात्रा में होता है। इनमें प्रोटीन भी काफी ज्यादा मात्रा में होता है।
240 एमएल होल मिल्क में 222 एमजी फॉस्फोरस और 349 एमजी पोटैशियम होता है। किडनी की बीमारी में ज्यादा मात्रा में डेरी उत्पाद खाने से और साथ में फास्फोरस से भरपूर दूसरी चीजें खाने से हड्डियों की समस्याएं हो सकती हैं।
आपको शायद यह सुनकर अजीब लग रहा होगा क्यूंकि डेरी उत्पादों को आमतौर पर हड्डियों की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। किडनी की बीमारी में ज्यादा फास्फोरस खाने से फास्फोरस हड्डियों में जमा हो सकता है। इससे आपकी हड्डियां पतली और कमजोर बन सकती हैं और इनके टूटने का खतरा बढ़ सकता है।
डेरी उत्पादों में प्रोटीन भी ज्यादा मात्रा में होता है। 240 एमएल होल मिल्क में आठ ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन के हजम होने के बाद निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट को खून में जमा होने से रोकने के लिए डेरी उत्पादों को कम मात्रा में खाना जरुरी होता है।
गाय या भैंस के दूध की बजाय बादाम का दूध किडनी के रोगियों के लिए ज्यादा अच्छा होता है। इसमें पोटाशियम, फास्फोरस और प्रोटीन की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले कम होती है।
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4. संतरे और संतरे का जूस – Orange


संतरे में विटामिन सी और पोटैशियम काफी ज्यादा मात्रा में होता है। एक बड़े आकार के संतरे में 333 एमजी पोटैशियम होता है और 240 एमएल संतरे के जूस में 473 एमजी पोटैशियम होता है।
ज्यादा पोटैशियम होने की वजह से संतरा और संतरे का जूस किडनी डायट में अवॉइड करना चाहिए या कम कर देना चाहिए। संतरे की बजाय आप अंगूर और सेब खा सकते हैं और इनका जूस भी पी सकते हैं, क्योंकि अंगूर और सेब में पोटैशियम की मात्रा कम होती है।
5. आलू और शकरकंद – Potato/Sweet Potato – foods to avoid in kidney disease


आलू और शकरकंद में पोटाशियम ज्यादा होता है। एक मध्यम आकार के उबले हुए आलू में 610 एमजी पोटैशियम होता है और एक एवरेज आकार के उबले हुए शकरकंद में 541 एमजी पोटैशियम होता है।
आलू को छोटे छोटे पतले टुकड़ों में काटकर चार घंटों के लिए पानी में भिगोकर रखने से इसमें पोटैशियम की मात्रा कम हो जाती है। इन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर थोड़े लंबे समय तक उबालने से भी इनमें पोटैशियम की मात्रा थोड़ी कम हो जाती है।
लेकिन इन तरीकों से भी आलू में मौजूद पोटैशियम पूरी मात्रा में नहीं निकलता है। आपके शरीर में ज्यादा पोटैशियम ना जाए, इसके लिए आलू को कम मात्रा में इस्तेमाल करना जरूरी है।
6. टमाटर – Tomato


टमाटर में भी पोटैशियम ज्यादा होता है। टमाटर का इस्तेमाल हर तरह की दाल और सब्जी में होता है। लेकिन ज्यादा पोटैशियम होने की वजह से यह किडनी पेशंट के लिए अच्छा नहीं होता।
इसलिए किडनी पेशंट को टमाटर का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।
7. होल वीट ब्रेड – Whole Wheat Bread


आपने अभी तक यही सुना होगा कि सफेद ब्रेड की तुलना में होल वीट ब्रेड ज्यादा अच्छी होती है।
होल व्हीट ब्रेड में भले ही न्यूट्रिशन ज्यादा होता है, लेकिन किडनी पेशंट को होल व्हीट ब्रेड की बजाए सफेद ब्रेड ज्यादा रिकमेंड की जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि होल वीट ब्रेड में फॉस्फोरस और पोटैशियम ज्यादा होता है।
ब्रेड में साबुत अनाज और चोकर जितना ज्यादा होगा, उसमें फास्फोरस और पोटैशियम की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी।
उदाहरण के लिए 30 ग्राम होल वीट ब्रेड में 57 एमजी फास्फोरस और 69 एमजी पोटैशियम होता है।
जबकि 30 ग्राम सफेद ब्रेड में 28 एमजी फॉस्फोरस और 28 एमजी पोटैशियम होता है। लेकिन एक चीज ध्यान देने वाली है कि ब्राउन और सफेद दोनों तरह की ब्रेड में सोडियम की मात्रा ज्यादा हो सकती है।
इसलिए सफेद ब्रेड को खरीदने से पहले भी इसके लेबल को ध्यान से पढ़ कर इसमें पाए जाने वाले सोडियम की मात्रा को पढ़ लेना चाहिए और जिसमें सबसे कम सोडियम हो उसे ही खरीदना चाहिए और इसे कम मात्रा में ही खाना चाहिए।
8. ब्राउन राइस – Brown Rice – foods to avoid in kidney disease


होल वीट ब्रेड की तरह ही ब्राउन राइस भी एक साबुत अनाज है और इसमें सफेद चावल की तुलना में ज्यादा पोटैशियम और ज्यादा फास्फोरस होता है।
124 ग्राम पके हुए ब्राउन राइस में 150 एमजी फास्फोरस और 154 एमजी पोटैशियम होता है, जबकि 124 ग्राम पके हुए सफेद चावल में सिर्फ 61 एमजी फास्फोरस और 54 एमजी पोटैशियम होता है। इसलिए ब्राउन राइस की बजाए आप सफेद चावल खाएं।
किडनी की बीमारी में आप ब्राउन राइस खा तो सकते हैं लेकिन बहुत ही कम मात्रा में और जब भी आप ब्राउन राइस खाएं तो आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उस दिन आप फास्फोरस और पोटैशियम से भरपूर कोई और चीज ना खाएं।
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9. अचार – Pickle


अचार में बड़ी मात्रा में नमक मिलाया जाता है। दो चम्मच अचार में 250 एमजी तक सोडियम हो सकता है। कम मात्रा में अचार खाने से ही आपके शरीर में सोडियम की बड़ी मात्रा जा सकती है।
इसलिए किडनी पेशंट को अचार कम से कम मात्रा में खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए।
10. बना बनाया पैकेट बंद खाना – Packaged Food


पैकेट बंद खाने में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा हो सकती है। पैकेट बंद खाना जैसे मैगी और इसी तरह के और दूसरे नूडल्स, फ्रोजन पिज्जा, माइक्रोवेव में बनने वाले पैकेट बंद खाने जैसे माइक्रोवेव, पॉपकॉर्न और इसी तरीके के और बहुत सारे रेडिमेड पैकेट बंद खाने,
अगर आप इस तरीके का खाना खाएंगे तो आपके लिए एक दिन में सोडियम की मात्रा को 2000 एमजी से नीचे रखना मुश्किल हो जाएगा।
प्रोसेस्ड फूड में ना सिर्फ सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है बल्कि इसमें जरूरी न्यूट्रिएंट्स की मात्रा भी कम होती है।
11. पालक, साग और दूसरी हरी पत्तेदार सब्जियां – Green Leafy Vegetables – foods to avoid in kidney disease


हरी पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इनमें पोटैशियम की मात्रा भी ज्यादा होती है।
124 ग्राम कच्ची हरी सब्जियों में 140 एमजी से लेकर 290 एमजी तक पोटैशियम हो सकता है। इसलिए इन सब्जियों को कम मात्रा में खाना चाहिए ताकि शरीर में ज्यादा पोटैशियम ना जा सके।
12. खजूर और किशमिश – Dates/Raisins


खजूर और किशमिश ड्राई फ्रूट की श्रेणी में आते हैं। किसी भी फ्रूट को जब सुखाया जाता है तो उसमें न्यूट्रिएंट्स की मात्रा बढ़ जाती है। इनमें पोटैशियम की मात्रा भी बढ़ जाती है।
उदाहरण के लिए 124 ग्राम सूखे आलूबुखारे में 974 एमजी पोटैशियम होता है जबकि 124 ग्राम गीले फ्रूट में 255 एमजी पोटैशियम होता है। इसी प्रकार सिर्फ चार खजूर में 688 एमजी पोटैशियम होता है।
इन सूखे फलों में मिलने वाले ज्यादा पोटैशियम की वजह से बेहतर है कि आप इनका सेवन ना करें ताकि आपके शरीर में पोटाशियम की ज्यादा मात्रा ना जा सके।
13. आलू के चिप्स और इसी तरह के दूसरे स्नैक्स जैसे कुरकुरे वगैरह – Potato Chips


ऐसी चीजों में अच्छे न्यूट्रिएंट्स कम होते हैं और नमक ज्यादा होता है और इनके ज्यादा मात्रा में खाने का भी डर रहता है क्योंकि इनका टेस्ट बहुत ज्यादा अच्छा होता है। ज्यादा खाने से नमक की और ज्यादा मात्रा शरीर में जाती है।
आलू के चिप्स में नमक के साथ साथ पोटैशियम भी ज्यादा होता है इसलिए किडनी पेशंट्स को इन्हें पूरी तरह से खाना बंद कर देना चाहिए।
14. खुबानी – Apricot


खुबानी में विटामिन ए, विटामिन सी और फाइबर काफी ज्यादा होते हैं। इनमें पोटैशियम भी ज्यादा होता है। 124 ग्राम ताजा खुबानी में 427 एमजी पोटैशियम होता है। सूखे खुबानी में पोटैशियम की मात्रा और भी ज्यादा होती है।
124 ग्राम सूखी खुबानी में 1500 एमजी पोटैशियम होता है। आपको एक दिन में 2000 एमजी से ज्यादा पोटैशियम नहीं खाना चाहिए और सिर्फ 130 ग्राम सूखी खुबानी खाने से ही आपको एक दिन की जरूरत का 75 पर्सेंट पोटैशियम मिल जाता है। इसीलिए किडनी डाइट में खुबानी को पूरी तरह से खाना बंद कर देना चाहिए।
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15. मीट – Meat – foods to avoid in kidney disease


मीट में प्रोटीन ज्यादा होता है। अगर आपके डॉक्टर ने आपको प्रोटीन कम खाने को कहा है तो फिर मीट खाने से आपको नुकसान हो सकता है। जब किडनी खराब हो जाती है तो यह शरीर में से प्रोटीन के हजम होने के बाद जो वेस्ट प्रोडक्ट बनता है उसे नहीं निकाल पाती है।
दूसरा अगर आप बाहर का बना बनाया मीट खाएंगे तो उसमें नमक की मात्रा भी ज्यादा होती है। इससे आपका सोडियम का इनटेक बढ़ सकता है।
अगर आपको किडनी की बीमारी है तो सोडियम, पोटैशियम और फास्फोरस को कम मात्रा में खाना आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। इससे आपको बीमारी को मैनेज करने में आसानी होगी।
बताई गई चीजों को या तो खाना बिल्कुल बंद कर दें या इनकी मात्रा को घटा दें।
कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो किडनी पेशंट के लिए अच्छी होती हैं और जिन्हें वह जितना चाहे खा सकते हैं, तो जानते हैं,
Kidney Friendly Foods
1. फूलगोभी – Cauliflower


फूलगोभी एक बहुत ही बढ़िया सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के और बहुत सारे बी विटामिन्स होते हैं। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं जैसे Indoles और इसमें फाइबर भी भरपूर होता है।
फूलगोभी को उबालकर और मैश करके आप इसका उपयोग आलू की जगह पर आलू की तरह ही कर सकते हैं। फूलगोभी को आप लो पोटैशियम डाइट के तौर पर खा सकते हैं। 124 ग्राम पकी हुई फूलगोभी में 19 एमजी सोडियम होता है, 176 एमजी पोटैशियम होता है और 40 एमजी फॉस्फोरस होता है।
2. लहसुन – Garlic – Kidney Friendly Foods


लहसुन किडनी पेशंट के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें सोडियम की मात्रा बहुत कम होती है। तीन लहसुन के टुकड़ों में यानी लगभग नौ ग्राम लहसुन में 1.5 एमजी सोडियम, 36 एमजी पोटैशियम और 14 ग्राम फास्फोरस होता है।
लहसुन में मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन बी सिक्स और सल्फर कंपाउंड होते हैं जिनमें एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं। यह सभी पोषक तत्व किडनी के रोगी के लिए अच्छे होते हैं।
3. ओलिव आयल – Olive Oil


ओलिव आयल में हेल्दी फैट होती है और यह फास्फोरस फ्री होता है। किडनी के रोगियों के लिए ऑलिव ऑयल एक बहुत अच्छी ऑप्शन है। किडनी की बीमारी ज्यादा बढने पर रोगी व्यक्ति काफी दुबला पतला हो जाता है।
ऐसे में ओलिव आयल जैसा हाई कैलोरी तेल खाने से काफी ज्यादा फायदा हो सकता है। ओलिव आयल में एंटी इन्फ्लामेट्री गुण भी होते हैं।
28 ग्राम ऑलिव आयल में 0.6 एमजी सोडियम होता है, 0.3 एमजी पोटेशियम होता है और फास्फोरस की मात्रा जीरो होती है।
4. पत्ता गोभी – Cabbage – Kidney Friendly Foods


पत्ता गोभी में विटामिन्स, मिनरल्स, शक्तिशाली प्लांट कंपाउंड, विटामिन के, विटामिन सी और बहुत सारे बी विटामिन्स होते हैं। इसमें इन सॉल्युबल फाइबर होता है जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखता है और पेट साफ करता है।
पत्तागोभी में पोटैशियम, फॉस्फोरस और सोडियम की मात्रा कम होती है। 70 ग्राम कच्ची पत्तागोभी में 13 एमजी सोडियम, 119 एमजी पोटेशियम और 18 एमजी फॉस्फोरस होता है।
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5. शिमला मिर्च – Capsicum – Kidney Friendly Foods


शिमला मिर्च में अच्छे पोषक तत्व काफी ज्यादा होते हैं, लेकिन इसमें पोटैशियम कम होता है। शिमला मिर्च में विटामिन सी होता है जो सबसे ज्यादा शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट है। एक छोटे साइज की शिमला मिर्च में हमारी एक दिन की जरूरत से 158% ज्यादा विटामिन सी होता है।
शिमला मिर्च में विटामिन ए भी काफी ज्यादा होता है। विटामिन ए इम्यून फंक्शन के लिए जरूरी होता है जो ज्यादातर किडनी के रोगियों में कमजोर हो जाता है। इसलिए शिमला मिर्च किडनी के रोगी के लिए बहुत अच्छी है।
एक छोटी शिमला मिर्च में तीन एमजी सोडियम, 156 एमजी पोटेशियम और 19 एमजी फास्फोरस होता है।
6. प्याज – Onion


प्याज सोडियम फ्री होता है। प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करके अगर आप ओलिव आयल में खाना बनाते हैं तो आप का खाना सोडियम फ्री बनेगा और आपको स्वाद भी पूरा मिलेगा।
प्याज में विटामिन सी, मैंगनीज और भी विटामिन्स होते हैं। इसमें प्री बायोटिक फाइबर होता है जो आपके पेट में बेनिफिशियल गट बैक्टीरिया को बढाकर आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखता है।
एक छोटे साइज के प्याज में यानी लगभग 70 ग्राम प्याज में 3 एमजी सोडियम, 102 एमजी पोटेशियम और 20 एमजी फॉस्फोरस होता है।
7. मूली – Radish – Kidney Friendly Foods


मूली किडनी डाइट में बहुत अच्छी होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें पोटैशियम और फास्फोरस काफी कम होता है। लेकिन इसमें बाकी विटामिन्स और मिनरल्स काफी ज्यादा होते हैं। इसमें विटामिन सी काफी ज्यादा होता है।
विटामिन सी एक ऐसा एंटी ऑक्सीडेंट है जो हार्ट डिजीज और मोतियाबिंद को होने से रोकता है और सबसे खास बात ये है कि मूली का बढ़िया स्वाद लो सोडियम किडनी डाइट में चार चांद लगा देता है।
58 ग्राम कच्ची मूली में 23 ग्राम सोडियम, 135 एमजी पोटैशियम और 12 एमजी फॉस्फोरस होता है।
8. शलगम या शलजम – Turnip – Kidney Friendly Foods


शलगम किडनी फ्रेंडली होता है और आलू जैसी हाई पोटेशियम सब्जी के बदले में इस्तेमाल किया जा सकता है।
शलगम में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी सिक्स, मैंगनीज और कैल्शियम होता है। इसे आप रोस्ट कर सकते हैं, उबाल सकते हैं और आलू की तरह मैश करके अलग अलग तरह की डिशेज बना सकते हैं।
78 ग्राम पके हुए शलगम में 12.5 एमजी सोडियम, 138 एमजी पोटैशियम और 20 एमजी फॉस्फोरस होता है।
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9. पाइनएप्पल – Pineapple – Kidney Friendly Foods


बहुत सारे दूसरे फलों जैसे संतरे, केले और कीवी वगैरा में पोटैशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। लेकिन पाइनएप्पल को आप मीठे और लो पोटैशियम फ्रूट के तौर पर खा सकते हैं। यह किडनी के पेशंट के लिए अच्छा होता है।
पाइनएप्पल में फाइबर, बी विटामिन्स और मैंगनीज होता है। इसमें ब्रोमेलेन नाम का एंजाइम होता है जो शरीर में आई किसी भी तरह की सूजन को कम करता है।
165 ग्राम पाइनएप्पल में 2 एमजी सोडियम, 180 एमजी पोटैशियम और 13 एमजी फॉस्फोरस होता है।
10. अंडे का सफेद भाग – Egg White – Kidney Friendly Foods


किडनी पेशंट अंडे का सफेद भाग खा सकते हैं। अंडे के सफेद भाग में किडनी फ्रेंडली प्रोटीन होता है। जो लोग डायलिसिस करवा रहे होते हैं उनके लिए अंडे का सफेद भाग बहुत अच्छा होता है क्योंकि उन्हें ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
66 ग्राम Egg White में 110 एमजी सोडियम, 108 एमजी पोटैशियम और 10 एमजी फास्फोरस होता है
किडनी डाइट को फॉलो करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। खान पान में परहेज आपकी बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। इसलिए आप अपनी बीमारी के हिसाब से अपनी डाइट जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
उम्मीद करती हूँ आपके लिए ये जानकारी लाभदायक सिद्ध होगी.



